
जमशेदपुर। मेसर्स समय कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड में निदेशक पद पर कार्यरत राजेश कुमार सिंह ने कंपनी के ही तीन सह-निदेशकों पर करोड़ों रुपये के गबन, फर्जीवाड़ा और आपराधिक षड्यंत्र का गंभीर आरोप लगाया है। राजेश सिंह के मुताबिक कंपनी के निदेशक अनूप रंजन, राम प्रकाश पांडेय और राजीव कुमार ने अप्रैल 2017 से नवंबर 2024 के बीच मिलकर फर्जी कागजात तैयार कर ब्याज के नाम पर करीब 9 करोड़ 6 लाख रुपये से अधिक की राशि निकाल ली, जबकि कंपनी में उनकी ओर से कोई पूंजी निवेश या लोन राशि नहीं दी गई थी। राजेश सिंह का कहना है कि उन्होंने जब इस गड़बड़ी का विरोध किया और निकाली गई राशि का हिसाब मांगा, तो तीनों ने दिसंबर 2024 से पैसे निकालना तो बंद कर दिया लेकिन पहले निकाले गए करोड़ों रुपये का कोई लेखा-जोखा नहीं दिया। राजेश के अनुसार कंपनी की बैलेंस शीट में भी इस पैसे का कोई जिक्र नहीं है, जिससे साफ होता है कि यह सारा लेन-देन कपटपूर्ण तरीके से किया गया।उन्होंने बताया कि जब से उन्होंने और उनकी पत्नी भारती सिंह ने इस गबन का विरोध किया, तभी से उन्हें निदेशक पद से हटाने के लिए दबाव बनाया जाने लगा। इस संबंध में उनके खिलाफ ईमेल भी भेजा गया था, जिसके विरुद्ध उन्होंने NCLT कोलकाता बेंच में मामला दर्ज कराया। कोर्ट ने कंपनी की संरचना में कोई बदलाव नहीं करने का अंतरिम आदेश भी पारित किया है। राजेश सिंह ने आरोप लगाया कि विरोध के बाद उनके ऑफिस के जरूरी दस्तावेज और फाइलें गायब कर दी गई हैं। यहां तक कि उनके ऑफिस में रखी अलमारी से करीब दो लाख रुपये नकद और गबन से जुड़े कागजात भी निकाल लिए गए हैं और उनकी अलमारी का ताला बदल दिया गया है, ताकि वे सबूत इकट्ठा न कर सकें। इस पूरे मामले में राजेश सिंह ने जमशेदपुर पुलिस प्रशासन से मांग की है कि अनूप रंजन, राम प्रकाश पांडेय और राजीव कुमार के खिलाफ गबन, कूट रचना, आपराधिक षड्यंत्र और दस्तावेज गायब करने जैसे गंभीर आरोपों में प्राथमिकी दर्ज कर जल्द से जल्द जांच शुरू की जाए, ताकि उन्हें न्याय मिल सके और कंपनी में पारदर्शिता बहाल की जा सके।