
नोवामुंडी के पचायेसाई फुटबाँल मैदान में विश्व आदिवासी दिवस भव्य रूप से मनाया गया। मौके पर सांसद जोबा माझी मुख्य अतिथि डाॅ अनुज लुगून व पूर्व विधायक मंगलसिंह बोबोंगा थे विशिष्ट अतिथि। अपने संबोधन में मुख्य अतिथि सांसद श्रीमती जोबा माझी ने कहा, जगह जगह पर विश्व में आदिवासी दिवस मना रहे हैं एकता,अस्तित्व व जमीन कैसे बचायेंगे। सरकारी सेवा में वे भी सामाजिक सांस्कति मिलकर बचायेंगे। जल, जंगल व जमीन हमारी है। भारत वर्ष में कल्याणमंत्री रहे,मंत्रालय भी साथ थे आप जातीय जन गणना तो शुरू करते,परंतु हमारी पहचान दिला नहीं सका।

मैं भरोसा और विश्वास दिलाती हूँ, जब जब आदिवासी अस्तित्व को लेकर मेरी जरूरत पढेंगी अंतिम सांस तक आवाज बुलंद करती रहूँगी। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डाॅ अनुज लुगून ने कहा, हम लोगों को आज भी संवैधानिक रूप से आदिवासी नही मना रहे हैं। हमें आज भी जन जाति व वनवासी कह कर पुकारा जाता है। महामहिम मुर्मू जी संज्ञान लें। हमें न्याय दिलायें अलग राज्य बना 20 साल से अधिक हुये ,लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया। हमें आदिवासी होने का अधिकार नहीं दिये गये। नोवामुंडी अंचल सबसे अधिक राजस्व देने वाला है। फिर भी यहाँ विकास नही हो पाया है। डीएमएफटी फंड आदिवासियों के सर्वांगीण विकास के लिये खर्च किया जाये। आदमी आदमी के हक व अधिकार मार रहे हैं। यहाँ मानवाधिकार का हनन हो रहा है। 1994 से आज तक हमारे अधिकारों का हनन जारी है। सामाजिक न्याय भी नही मिल रहा है। कौन हमारे अधिकारों की रक्षा करेगा। मानकी व मुंडा जब एकजुट हो जायेंगे ,तो आनलाईन मलगुजारी रसीद भी नही कटेगा। कहा,लैंड बैंक का विरोध करें,जल,जंगल जमीन की रक्षा कीजिये। जमीन के अधिकार को आदिवासियों के मौलिक अधिकार घोषित किया जाये,इस लिये हमें एकजुट होना होगा। श्री लुगून ने एक प्रोफेसर की भाँति ग्राम सभा,विल्केंशन रूल,पाँचवीं अनुसूची,पेशा कानून आदि पर विस्तार से प्रकास डाले। आदिवासी कभी किसी की अधीनता स्वीकार नही किया। सरकार कारखाना, रेलवे विकास के नाम पर ले रही है। कल के लिये जल, जंगल व जमीन को बचाना है। लक्ष्मी नारायण लागुरी ने कहा, 5 वीं अनुसूची व पेसा कानून अगर लागु होगा,तो हमें न्याय मिलेगा। हम लोग जल,जंगल व जमीन के मालिक हैं,लेकिन दिकू लोगों के यहाँ नौकर का काम करते हैं। हम लोग कैसे खुशहाल होंगे,इस पर चिंतन करने की जरूरत है। पूर्व एमएलए मंगलसिंह बोबोंगा ने कहा, डीएमएफटी फंड का उपयोग आदिवासियों के सर्वांगीण विकास के लिये होना चाहिये। जल,जंगल व जमीन की रक्षा करने लिये जनता,मानकी व मुंडा को एकजुट होना होगा। इसके अलावा कार्यक्रम को डेबराम तूबिड,लक्ष्मी नारायण लागुरी,उपेंद्र लागुरी,घनश्याम हेंब्रम आदि ने भी संबोधित किया इन गाँवों के युवक व युवतियों ने पेश किया सांस्कृतिक कार्यक्रमराजस्व ग्राम नोवामुंडी बस्ती,गुंडीजोडा,मेरलगढा,डूकासाई,महूदी,पदापडाड,सरबिल,इटरबालजोडी,कुचीबेडा,कुमिरता,कुटिंगता,टोंटोपोसी,कोटगढ,कातिकोडा,उईसिया,रेंगाडबेडा,लोकेसाई,बाहदा,दूधबिला आदि। वहीं मौके पर मुख्य रूप से पूर्व विधायक मंगलसिंह बोबोंगा, डाॅ अनुज लुगून,इजहार राही,लक्ष्मी नारायण लागुरी,ज्वाला कोडा,उपेंद्र लागुरी,कृष्णा सिंकु,गौतम मिंज,अम्बिका दास,घनश्याम हेंब्रम, दुर्गा देवगम,सुरेश टूटी, टीएसएफ के लीडर तुलसी दास गणवीर,फिरोज अहमद,मुंडा घासोवा बारजो,रसिका बोबोंगा,डेबरा बालमुचू,अजय पुरती,जयराम बारजो समेत दो दर्जन से अधिक मानकी मुंडा के अलावा गुवा,किरीबुरू,बडाजामदा,डाँवोवापोसी,दूधबिला,जेटेया,कोटगढ तथा आस पास इलाके के ग्रामीण मौजूद थे।