
चाईबासा: पुराना समाहरणालय कार्यालय चाईबासा के सामने जोहार के संयोजक रमेश जेराई की अध्यक्षता में आज समान नागरिक संहिता के विरोध में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। धरना प्रदर्शन का संचालन झारखंड पार्टी के युवा तुर्क नेता रियांस सामड ने किया।धरना प्रदर्शन को बतौर मुख्य वक्ता के रूप में झारखंड आंदोलनकारी नेता सह पूर्व विधायक बहादुर उरांव ने कहा कि देश और झारखंड के आदिवासियों को अपनी सामाजिक,पारंपरिक, प्रथागत कानून को बचाए रखने के लिए समान नागरिक संहिता का विरोध इसी तरह से लगातार करना होगा। चूंकि केंद्र में भाजपा की सरकार है।भाजपा देश की संविधान को नहीं,आरएसएस की विचारधारा पर विश्वास करती है यानी मनुस्मृति पर विश्वास करती है। इसीलिए आज यह प्रस्ताव भी धरना प्रदर्शन में पास कर देना आवश्यक है कि देश के आदिवासी भाजपा नेता होश में आए।

बोले भाले आदिवासियों को सुनाने के लिए भाजपा के आदिवासी नेता कुतुबमीनार से कूदने की बात करता है।पर समान नागरिक संहिता बिल को एक भाजपा के आदिवासी नेता के द्वारा ही राज्यसभा में प्रस्ताव लाया जाता है।यह बहुत खतरनाक है। यही भाजपा की चाल,चरित्र और चेहरा है। कंधा भी आदिवासी का और निशाने पर भी आदिवासी है। झारखंड पार्टी के केंद्रीय सचिव सह प्रवक्ता ने मौके पर कहा कि दरअसल समान नागरिक संहिता के बहाने से देश के आदिवासियों की जमीन पर नजर है।वैसे ही जैसे कश्मीर से 370 धारा को हटाकर कश्मीर में किसी को भी जमीन खरीदने का अधिकार दे दिया है। इसीलिए समय रहते आदिवासी मूलवासियों को जागना होगा।समय रहते आदिवासी मूलवासी नही जगा तो अपना अस्तित्व खोने में कोई समय नहीं लगेगा।झारखंड पुनरूत्थान अभियान के संयोजक अमृत मांझी ने कहा देश और झारखंड के आदिवासियों का अपना सामाजिक,पारंपरिक प्रथागत कानून आज भी प्रचलित है।अलग बात है नागालैंड,मेघालय और मिजोरम में कस्टमरी लो लिखित है।जबकि बाकी देश के आदिवासी समाज की प्रथगत कानून अलिखित है।लेकिन भाजपा समान नागरिक संहिता के नाम पर आदिवासियों की अधिकार के साथ खिलवाड़ कर रही है।बैठक को हो समाज महासभा के पूर्व महासचिव मुकेश बिरूआ,विख्याक सामाजिक कार्यकर्ता घनश्याम गागराई,झारखंड पुनरूत्थान अभियान अभियान के मुख्य संयोजक सन्नी सिंकु,आदिवासी छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष तुलसी उरांव, इटोर पंचायत के मुखिया सोमनाथ कोया,सरना समिति के पूरन सिंह उरांव,अधिवक्ता वीरसिंह बिरुली,मधुसूदन बानरा,हो समाज महासभा के महासचिव यदुनाथ तिउ, अनिल उरांव,नारायण कुदादा और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी संबोधित किया। धरना प्रदर्शन में दर्जनों आदिवासी समाज के महिला पुरुष उपस्थित थे।