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गुरुवार को सरायकेला जिले में वट सावित्री की पूजा धूमधाम से मनाई गई . वही गम्हरिया प्रखंड के कांड्रा में भी वट सावित्री की पूजा को लेकर महिलाओं में काफ़ी उत्साह देखने को मिला. बट सावित्री की पूजा कर सुहागिनों ने अखंड सौभाग्य की कामना की. सुबह से ही वट वृक्ष के पास सुहागिन महिलाएं समूह में जुटकर पूजा-अर्चना में जुट गई. कई जगहों पर पुजारियों ने सुहागिनों को सावित्री और सत्यवान की कथा भी सुनाई
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कांड्रा थाना परिसर स्थित शिव मंदिर समीप बरगद के पेड़ के नीचे महिलाएं बड़ी संख्या में पहुंची .पंडित निवास मिश्रा ने बताया कि हिंदू पुराण में बरगद के पैर में ब्रह्मा विष्णु और महेश का वास बताया जाता है.
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मान्यता के अनुसार ब्रह्मा वृक्ष की जड़ में ,विष्णु इसके तने में और शिव ऊपरी भाग में रहते हैं. इसी वजह से व्रत को वट वृक्ष के नीचे बैठकर पूजन करने से मनोकामना पूर्ण होती है. सुहागिनों ने वट सावित्री की पूजा कर पति के दीर्घायु की कामना की
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और परिवार की सुख-शांति और समृद्धि की मन्नत मांगी. दोपहर तक वट वृक्ष की पूजा करने के लिए सुहागिन महिलाओं की भीड़ लगी रही..इस व्रत को लेकर एक पौराणिक कथा है कहा जाता है कि बट पेड़ के नीचे ही यमराज ने सत्यवान को जीवनदान दिया था यमराज ने सत्यवान को जेष्ठ माह के कृष्ण पक्ष के अमावस्या तिथि को जीवनदान दिया था.
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इसलिए इस दिन वट सावित्री की पूजा मनाई जाती है सुहागिनों ने वट सावित्री की पूजा के दौरान वृक्ष की परिक्रमा कर रक्षा सूत्र बांधा और एक-दूसरे को सिंदूर लगाया वहीं पूजन के बाद आरती की इसके साथ ही मौके पर महिलाएं वटवृक्ष के साथ सेल्फी लेती हुई नज़र आई। सुबह से ही मंदिरों में महिलाओं का तांता लगा रहा। वहीं घर पहुंचकर सुहागिनों ने पति के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। बता दें कि आज के ही दिन सावित्री ने अपने पति के प्राणों की रक्षा यमराज से की थी.