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मौत क्यों रात भर नहीं आती ने ठहाकों संग हास्य व्यंग परोसा

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62वें विश्व रंगमंच दिवस पर संयुक्त नाट्य कलाकेंद्र के तत्वाधान में विभूति मंच (घाटशिला) में आस्था थियेटर ग्रुप जमशेदपुर द्वारा प्रताप सहगल के नाटक “मौत क्यों रात भर नहीं आती” का प्रेम शर्मा के निर्देशन में प्रस्तुति किया गया एवं सूजन सरकार के निर्देशन में बांग्ला लघु नाटिका “बेथा” का मंचन किया गया।इस अवसर पर नाटककार डॉ. शेखर मल्लिक ने कहा कि रंगमंच का महत्त्व है और इसकी सफलता तभी है यदि जिस संदेश को निर्देशक और अभिनेता अभिनेत्री सम्प्रेषित करना चाहते हैं वो दर्शकों तक पहुँचे. आस्था प्रतिनिधि एवं वरिष्ठ रंगकर्मी शत्रुघ्न सिंह ने हिंदी नाटक को प्रस्तुत करते हुए कहा कि आम आदमी के जीवन के संघर्ष को इसमें दर्शाया गया है. आस्था थियेटर ग्रुप ने प्रेम शर्मा के निर्देशन में ‘मौत क्यों रात भर नहीं आती” का प्रभावशाली प्रदर्शन किया. नाटक हास्य के मध्यम से लगातार व्यक्ति के जीवन संघर्ष, बाजारवाद के अंदर उसके एकांकी पड़ते जाने और निराशा से घिर जाने की कथा बेहद चुटीले ढंग से करता है. तंगहाली से जूझते और अपमानित होते मुख्य पात्र द्वारा बार बार आत्महत्या का प्रयास किया जाता है और वह नाकाम होता है. लेकिन जब उसके पास पैसे आते हैं तो आखिरकार उसके साथ क्या घटित होता है, यह नाटक का रोमांचक पक्ष था. स्क्रिप्ट के अनुरूप मुख्य पात्रों ने बेहतरीन अदाकारी, संवाद अदायगी की टाइमिंग और दैहिक अभिनय कौशल का बढ़िया पदर्शन किया. क्लाइमेक्स में सुखांत और दुखांत के बीच ऐच्छिक बदलाव से भी दर्शकों को सुखद आश्चर्य में डाल दिया. आस्था थियेटर समूह की ओर से इस प्रस्तुति में सूत्रधार की भूमिका में रंगकर्मी एवम अभिनेता विवेक विशाल सिंह तथा मुख्य भूमिका में बबलू राज, दर्शना छत्तर, सहायक भूमिका में अंकुर सारस्वत, प्रेम शर्मा, निलेश राज, शत्

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